आईआईटी दिल्ली टेस्टिंग किट बनाने वाला पहला संस्थान, बेहद सस्ती होगी कोरोना की जांच

आईआईटी दिल्ली टेस्टिंग किट बनाने वाला पहला संस्थान, बेहद सस्ती होगी कोरोना की जांच

सेहतराग टीम

आईआईटी दिल्ली कोरोना टेस्टिंग किट बनाने वाला देश का पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया है। आईसीएमआर की लैब से पुष्टि के बाद इसे मंजूरी भी मिल गई है। यह किट एक चौथाई सस्ती हो सकती है। हालांकि इसका प्रोडक्शन कैसे कितना किया जाएगा, इस विषय में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।

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आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो.राम गोपाल राव ने बताया कि इस किट से एक टेस्ट की कीमत 300 रुपये होगी। यह किसी भी कमर्शियल किट से जल्दी काम करेगी। हालांकि, इसकी निश्चित समय सीमा क्या होगी यह अभी बताना मुश्किल है। तकनीक को आईसीएमआर की ओर से मंजूरी मिलने पर उन्होंने संस्थान के शोधार्थियों को बधाई दी और कहा कि हम कोरोना से जुड़े संस्थान में हो रहे अन्य शोध को भी जल्द ही सामने लाएंगे।

इस किट को संस्थान की कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेंस (केएसबीएस) की टीम ने तैयार किया है। इस तरह की मंजूरी लेने वाला आईआईटी दिल्ली ऐसा पहला शैक्षणिक संस्थान है।

टीम के सदस्यों ने 18-18 घंटे काम किया

टीम के सदस्य प्रो. बिश्वजीत कुंदू और प्रो. विवेकानंद पेरुमल ने बताया कि टीम ने इसे बनाने का काम तभी से शुरू कर दिया था, जब देश में संक्रमण का पहला केस केरल में मिला था। 22 मार्च से लेकर 9 अप्रैल तक टीम के सदस्यों ने 18-18 घंटे काम किया। लॉकडाउन के कारण किट को टेस्ट के लिए पुणे भेजने में दिक्कत आ रही थी। कूरियर एजेंसी काफी मान-मनौव्वल के बाद इसे पुणे स्थित लैब ले गई। इस बार प्रोटोकॉल को मान्यता मिल गई।

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प्रो.कुंडू ने बताया कि इस तकनीकी को पेटेंट करा लिया गया है। इसे आईआईटी दिल्ली के ही फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर ने पेटेंट किया है। आईआईटी दिल्ली के सभी पेटेंट यही करती है। हमारी एक किट से 30 से 50 टेस्ट किए जा सकते हैं। एक पूरी किट की कीमत 9 हजार से 15 हजार के बीच हो सकती है। कई कंपनियां इसमें रुचि दिखा रही हैं। प्रो. कुंडू ने बताया कि 9 अप्रैल को हमने इसे आईसीएमआर को दिया उसके बाद हमारी किट को मंजूरी मिली। इससे पहले भी किट को परीक्षण के लिए दिया था, लेकिन तब मंजूरी नहीं मिली थी।

 

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